सोमवार, 24 सितंबर 2018

पर्यायवाची - “क-वर्ग”




कमल:-अरविंद, अम्भोज*, अब्ज, अंबुज, इंदीवर, उत्पल, कंज, कुमुद(लाल कमल), कुवलय, कुशेशय, कोकनद, राजीव, जलकरंक*, जलज, जलजात, जलरुह, पंकज, पंकरुह, पाथोज, पद्म, पुण्डरीक(श्वेत कमल), पुष्कर*, नलिन, नीरज, तामरस, वारिज, वारिजात, शतदल, शतपत्र, सरसिज, सरोरुह, सरसीरुह, सरोज, सारंग*
#जलकरंक ( १. कमल, २. नारियल 🌴, ३. तरंग, लहर )
#अंभोज ( १. कमल, २ कपूर, ३. चन्द्रमा, ४. शंख )...
#पुष्कर  (१. जल, २. जलाशय, पोखरा, ३. कमल, ४. नीलकमल )
#सारंग ( १. रंगीन, २. सुन्दर, सुहावना, ३. रसीला, सरस )
#सारंग ( १. दीपक, २. सूर्य, ३. चंद्रमा, ४. आकाश, ५. बादल, ६. बिजली, ७. समुद्र, ८. तालाब, ९. पानी, १०. शंख, ११. मोती, १२. कमल✔, १३. हाथी 🐘, १४. घोड़ा 🐎, १५. शेर 🦁, १६. हिरन, १७. साँप 🐍, १८. सारंग नामक धनुष, १९. सारंग मक्खी, २०. स्वर्ण, २१. कर्पूर, २२. शिव, २२. कामदेव, २३. कोयल, २४. मोर, २५. हंस, २६. बाज़, २७ चातक, २८. भौंरा )

कपड़ा:- कर्पट( तत्सम्), अंशुक, अम्बर, चीर, दुकूल, परिधान, पहरावा, पट, पोशाक, लिबास, वस्त्र, वसन, सिचय, आच्छाद, गणवेश, लुग्गा, लैकुची, परीरणा 
#परिपीणा ( १. वस्त्र, परिधान, कपड़ा, २. कच्छप, कछुआ, ३. छड़ी, डंडा )

कल्पवृक्ष:- अजरद्रुम, कल्पतरु, कल्पशाल, कल्पद्रुम, कल्पविटप, कामतरु, तरुराज, देवद्रुम, देववृक्ष, पारिजात, मन्दार / मंदारक*, विबुधतरु, सुरतरुवर, सुरविटप, सुरतरु, सुरद्रुम, सुरशाखी(तत्सम्-सुरशाखिन्), हरिचन्दन... 
#मंदारक ( १. मदार, आक, २. एक देववृक्ष )
#पंचवृक्ष /पञ्चवृक्ष पाँच देववृक्ष जिनके नाम हैं— मंदार, पारिजात, संतान, कल्पवृक्ष और हरिचंदन

कन्या:- अक्षता(कुमारी), अनन्यपूर्वा*, अनागतातर्तवा*, अपूर्वपति*, अविवाहिता, अनूढ़ा, अप्रत्ता*, अप्रौढ़ा, कनीनिका*, कन्यका, कन्यिका(❓), कुमारी, कुमारिका, कुँआरि, कुँआरी, किशोरी, टिमिली*, बच्ची, बाला, बालिका, दारिका*,दायादी*, दायादा*, द्रुही*, दुख्तर(फा०), दुहिता(❓), देहसंचारिणी*, धेरिया*, लड़की*, लली*
#अनागतातर्तवा { कुमारी, गोरी, बालिका, जो कन्या रजोधर्मिणी न हुई हो, अजातरस्का }
#अनन्यपूर्वा { १. जो पहले किसी की न रही हो, २. कुमारी, क्वारी }
#अपूर्वपति { कन्या जिसका विवाह न हुआ हो }
#अप्रत्ता { कुमारी, कन्या जीसका विवाह न हुआ हो }
#कनीनिका✔ (कनीनका ?) { १. कुमारी, कन्या, २. आँखों की पुतली, ३. कानी उँगली }
@कनीक { १. युवा, २. व्यस्क }
@कनीनक { १. किशोर, २. आँख का तारा }
@कनीज़ { दासी, लौंडी, बाँदी }
#टिमिली { लड़की, छोकरी }
@टिमिला { लड़का, छोकरा }
#दारिका { १. कुँवारी लड़की, कुमारी, २. पुत्री, बेटी }
@दारिका (~सुन्दरी = असंभोगित वेश्या की कन्या)
@दारक { १. पुत्र, २. बालक }
@दाय { १. दान, २. देने योग्य धन, ३. दायज़ा, दहेज✔ ४. बँटवारे में मिला धन, पैतृक संपत्ति, उत्तराधिकार ५. दिये जाने योग्य, ६. जिसे दिया जाना आवश्यक हो, ७. दाई }
@दायाद { १. दाय का अधिकारी, उत्तराधिकारी, २. सपिंड संबंधी, ३. पुत्र, बेटा }
#दायादा / दायादी { १. कन्या✔, २. उत्तराधिकारिणी }
#द्रुही { कन्या } ...द्रुह { १. पुत्र, २. वृक्ष, ३. झील }
#सस्वेदा { वह कुमारी कन्या जिसका कौमार्य सद्यः भंग हुआ हो }
#दुहिता { पुत्री, बेटी }
#देहसंचारिणी { कन्या, लड़की }
#धेरिया { १. लड़की, २. पुत्री }
#लड़की { १. बालिका, २. पुत्री, बेटी }
#लली { १. लड़की के लिये प्यार का शब्द, २. दुलारी लड़की 👧, लाड़ली लड़की 👧, जैसे, वृषभानु लली, जनक लली, ३. नायिका के लिये प्यार का शब्द, प्रेयसी, प्रेमिका }
@लला { १. लाल, २. दुलारा लड़का, ३. लड़का, बालक, ४. प्रेमी का प्रेम संबोधन }

कबूतर:- कपोत(तत्सम्), परेवा, पारावत, रक्तलोचन, हारीत, रक्ताक्ष*, कलकंठ*
#रक्ताक्ष { १. लाल आँखों वाला ( १. चकोर, २. कबूतर, ३. सारस, ४. भैंसा ); २. डरावना } 
#कलकंठ { १. सुंदर कंठ ( १. कोयल, २. कबूतर, ३. हंस ); २. मधुर ध्वनि करनेवाला ( कोयल ) }

कटाक्ष:- व्यंग्य, छींटाकशी, ताना, तंज, बोली, चुटकी, उपहास, कटूक्ति, आक्षेप*, परोक्ष संकेत, उपहास, ताना, कटाक्ष

कटु:- कर्कश(तत्सम्-कार्कश्य), कड़वा, चरपरा, तीखा, तेज, तीक्ष्ण, परुष, कड़ा, रूक्ष, रूखा

कर:- शुल्क, महसूस, मालगुज़ारी 
कर:- हाथ,पाणि, हस्त

कामदेव:- अनंग, अदेह, अनन्यज, आत्मज*, आत्मजात*, आत्मभू*, ऋश्वकेतु, काम, कुसुमेष् , कुसमेषु, कुसुम-चाप, कुसुम-पंचक, कुसुम-बाण, कन्दर्प, कुसुमशर, कुसुमायुध, केतन, झषकेतु, झषांक, दर्पक, पंचशर, पुष्पधन्वा, प्रद्युम्न, पुष्पशायक, पंचबाण, ब्रहमसु, भव, मदन, मनोभव, मनोज, मार, मनसिज, मन्मथ, मनमथन, मीनकेतु, मीनकेतन, मयन(तत्सम्-मदन), मकरध्वज, रतिपति, रुद्रारि, वसंतसखा, शम्बरारि, सारंग, स्मर, स्मृतिजात, हृच्छय
#आत्मज = आत्मजात  { १. पुत्र, २. कामदेव, ३. अपने से उत्पन्न }
*{आत्मभू #१. अपने शरीर से उत्पन्न , २. आप ही आप उत्पन्न... आत्मभू #१. पुत्र , २. कामदेव , ३. ब्रह्मा , ४. विष्णु , ५. शिव}
*{कामवाण- कामदेव के पाँच बाण 🎯 १. मोहन, २. उन्मादन, ३. संतपन, ४. शोषण, ५. निष्चेष्टीकरण}
*विशेष #स्त्री पुरुष के संयोग की प्रेरणा करने वाला एक पौराणीक देवता जिसकी स्त्री रति, साथी बसंत, वाहन कोकिल, अस्त्र फूलों का धनुष बाण है । उसकी ध्वजा पर मीन और मकर का चिन्ह है ।

काक:- एकाक्ष, कौआ, काग, काण, वायस, पिशुन, करट

कारागार:- कारागृह, कारावास, बंदीगृह, जेल

कार्तिकेय:- अग्निकुमार, अग्निज, अग्निजन्मा, अग्निजात, अग्निभू, कुमार, षडानन, शरभव, स्कन्द, सिद्धसेन, शरेज, शरवनोद्भव, शिखिवाहन, भद्रशाख, बालचर्य, मयूरेश, मातृवत्सल, द्वादशलोचन, तारकजित्, शरभू, अग्निभू, कनकशक्ति, अग्निसुत, अग्निसूनु, तारकारि, द्वादशाक्ष, मयूररथ

किनारा:- तीर, तट, पुलिन, कूल, बेलातट, सिरा
किनारा:- छोर, सिरा, पर्यंत

किरण:- अर्चि, अंशु, कलाकेतु, कर, केतु(?), गो, त्विषि*, मरीचि, मयूख, रश्मि, केश(?), प्रभा, प्रकाशरश्मि, वीचि*(👇)
#त्विषि { १. किरण✔, २. शक्ति, ३. चमक, प्रभा, ४. ओज, तेज प्रताप }

किसान:- कृषक, काश्तकार, खेतिहर, हलधर*, जोतदार 
#हलधर - १. बलराम, २. कृषक

कुबेर:- कुवेर(तत्सम्), अलकेश, अलकाधिप, अलकेश्वर, किन्नरेश, धनद, धनाधिप, धनपति, धनेश, धनेश्वर, धनपाल, यक्षराज, यक्षपति, यक्षेंद्र, यज्ञ(?),  रत्नेश, रत्नाधिपति, श्रीद, राजराज, त्र्यम्बकसखा, गुह्यकेश्वर, मनुष्यधर्मा(तत्सम्-मनुष्यधर्मन्), वैश्रवण, नर- वाहन(?) , एकपिंग, पुण्यजनेश्वर, हर्यक्ष, ऐलविल

केवट:- कैवर्त, खेवट, झीमर, झीवर, धीवर, नाविक, मल्लाह, माँझी

कोयल:- अन्यपुष्ट*, कलकंठ, कलघोष, काकपाली*, कामांध, काकली- रव , कुहूख, कोकिल(तत्सम्), कोकिला, तामाभ्र, परपुष्ट*, परभृत*, पिक, वनप्रिय, वंचथ,  वसंतदूत(✔) / वसंतदूती(❓), मदनशलाका, मधुगायन, मधुकंठ, मधुघोष, रक्ताक्ष*, श्यामा, 
#{*अन्यपुष्ट( वह जिसका पोषण अन्य के द्वारा हो अर्थात् कोयल), *परपुष्ट, *काकपाली(ऐसा कहा जाता है कि कोयल अपने अंडों को सेने के लिये कौवों के घोसलों में अपने अण्डे रख देती है, जिसका पालन काक द्वारा अर्थात् काकपाली) , *परभृत ( अन्य द्वारा पालित या पोषित अर्थात् कोयल)}

कृष्ण:- कन्हैया, कंसारि, कुंजबिहारी, गिरिधर, गोपीनाथ, गोविन्द, गोपाल, दामोदर, देवकीनंदन, द्वारकाधीश, द्वारकानाथ, नंदकिशोर, नंदकुमार, नंदनंदन, नंदलाल, बनवारी, बनमाली (बनमालिन्), मुरलीधर, मोहन, माधव, मधुसूदन, मुरारि, मुकुंद, मदन-गोपाल  यदुनाथ, यदुपति, यदुनंदन, यशोदानंदन, राधारमण, वंशीधर, व्रजवल्लभ, वासुदेव, श्याम, हृषीकेश, क्षीरसायी(?), नारायण, चक्रपाणि, चक्रधर, हरि

कृष्णा:- द्रौपदी … यमुना

केश:- अलक*, कच, कुन्तल, गेसू*, चिकुर / चिंकुर*, चूड़ा*, चूल*, जुल्फ, पश्म, बाल, लट, शिरोरुह, स्तूप*
#केशव { १. लम्बे और सुंदर बालोंवाला, प्रशस्त केशवाला, २. विष्णु, ३. श्रीकृष्ण, ४. हिंदी के एक कवि जिनकी लिखी रामचंद्रिका है }
#अलक { १. माथे पर लटकते बाल, मस्तक के इधर उधर लटकते हुए मरोड़दार बाल , २. जुल्फ़, ३. घुंघराले बाल, ४. महावर(अलक्तक/अलक्त) }
#गेसू { १. जुल्फ, अलक, २. पीठ पर लटकनेवाले लंबे बाल, ३. केश, बाल }
#चिकुर / चिंकुर { १. सिर के बाल, केश, २. चंचल, चपल }
#चूड़ा { १. केश, २. शिखर, ३. सिर, ४. चोटी, शिखा, चुरकी, ५. चिउड़ा, चिड़वा, ६. बाहुभूषण, कंकण, कड़ा, वलय, ७. हाथों में पहनने के लिये छोटी बड़ी बहुत सी चूड़ियों का समूह }
#चूल { १. सिर के बाल, २. शिखा, चोटी }
#स्तूप { १. मिट्टी आदि का ढेर, अटाला, राशि, २. ऊँचा ढूह या टीला, ३. मिट्टी, ईंट, पत्थर आदि का बना ऊँचा ढूह या टीला जिसके नीचे भगवान् बुद्ध या किसी बौद्ध महात्मा की अस्थि, दाँत, केश या इसी प्रकार के अन्य स्मृति- चिह्न संरक्षित हों, ४. केशगुच्छ, लट✔, ५. मकान में का सबसे बड़ा शहतीर, जोता, ६. शवदाह के लिये क्रम से एकत्रित लकड़ियों का ढेर, चिता, ७. शक्ति, क्षमता }

कृतज्ञ:- आभारी, अनुग्रहीत, उपकृत, ऋणी, कृतार्थ, एहसानमंद, कृतकृत्य, गूर्ण, कृतवेदी(तत्सम्-कृतवेदिन्), धन्य, ममनून, शुक्रगुजार, शाकिर, स्वस्त्यक्षर, स्थूललक्ष

क्रोध 😡 :- अमर्ष, रोष, ग़ुस्सा, आवेश / आवेशन, कोप, तैश

खग:- पक्षी 🦆 ( ☝️ )

खम्भा:- स्कम्भ या स्तम्भ(तत्सम्), थंभ(तत्सम्-स्तम्भ), स्तूप*, सहारा, टेक, चाँड़, थूनी(तत्सम्-स्थूण), थम, थाम(तत्सम्-स्तम्भ), लाट(अशोक की लाट), मीनार( कुतुबमीनार की लाट), मस्तूल(?), शहतीर(?)

खंड:- अंश, अवयव, अंग, आंशिक, भाग, टुकड़ा, हिस्सा, खंडित, अपूर्ण, विभक्त, छोटा, लघु, कुछ, थोड़ा, अल्प

खल:- अधम, कुटिल, दुष्ट, दुर्जन(दुष्ट जन), धूर्त, नृशंस, नीच, बुरा, पामर, पाजी, शठ, क्रूर, अपकारी, अत्याचारी, जालिम, नष्टात्मा(तत्सम्-नष्टात्मन्), क्रुरट्टक, दुर्विध, लुच्चा, निर्लज्ज, बेहया, धोखेबाज़, फरेबी, चुगलखोर, बदमाश, निकृष्ट, अशिष्ट, असभ्य, हीन, तुच्छ, छली, चालबाज, खोटा, दुर्हृदय, दुराचारी, कमीना, चालाक

खग:- विहग, विहंग, पक्षी, पंछी, चिड़िया, परिंदा, नभचर, खेचर, शकुनि, द्विज, पखेरू, अंडज, पतंग, शकुनक, द्युग, अंबरचर, आकाशगामी, अंतरिक्षग, वातगामी(तत्सम्-वातगामिन्), वियग(विहग), संकुत, पतत्री(पतत्रिन्), पत्ररथ, पत्री, पतग

गंगा:- अमर्त्यापगा, अलकनंदा, जाह्नवी, त्रिपथा, त्रिपथगा, देवनदी, देवापगा, देवसरि, ध्रुवनंदा, नदीश्वरी, भागीरथी, मंदाकिनी, विष्णुपदी, सिद्धसरित्, सिद्धापगा, सुरसरि, सुरसरित्, सुरसरिता, सुरधुनी, स्वर्वापी

गज:- करी ( करिन् ), कुंभी ( कुंभिन् ), कुंजर, गयंद, गजेन्द्र, द्विरद, नाग, फील, बयंड ( बनेंद्र ), बनेंद्र, मतंग, वितुंड, वेतंड, रदी ( रदिन् ), सिवर, हस्ति ( हस्तिन ), हस्ती, हाथी ( हस्ती )

गणेश:- एकदन्त, गजानन, गणप, गणपति, गणाधि, गजवदन, गिरिजानन्दन, गौरीसुत, द्वियातृज, द्वैमातुर, द्विदेह, नागमुख, पृथ्वीगर्भ, भवानीनंदन, मोदकप्रिय, मूषक-वाहन, महाकाय, लम्बतुंड, लम्बोदर, वक्रतुण्ड, विनायक, विघ्नेश, विघ्ननाशक, विघ्नायक, विघ्नविनायक, विघ्नराज, विघ्नपति, विघ्नहरण, विघ्ननाशन, सिंधुरवदन, हेरम्ब 

गदहा:- उपक्रोष्टा, खर, गर्दभ, गधा, चक्रीवान, दशेरक, धूसर, बालेय, बेशर, भारग, रासभ, रेणुरूपित, वैशाखनंदन, वासत, वेशव, शंककर्ण, शीतलावाहन, शुद्धजंघ, हिमारा

गरुड़:- अमृताहरण, अरुणाग्रज, उरगाद, उरगारि, काश्यपि, किराताशी, खगेश, खगपति, खगेश्वर, गजकूर्माशी, नभगेश, नागान्तक, पन्नगारि, फन्नगाशन, पक्षिराज, पक्षीश्वर, रक्तपक्ष, विष्णुरथ, विष्णुवाहन, वज्रिजित्, वैनतेय, विहगेश्वर, विहगेश, सर्पारि, सुपर्ण, स्वर्णपक्ष, सुधाहृत, हरियान

गाय:- गौरी, गो, गौ, गऊ, गइया, तनू, धेनु, भद्रा, दोग्धी, सुरभि*, पयस्विनी, पीवरी*
#सुरभि ( १. गाय, २. पृथ्वी, ३. वसंत ऋतु )
#पीवरी ( १. युवती, स्त्री, २. गाय )

गुफा:- अद्रिकुक्षि, उल्ब, कंदरा, खोह, खान, खनि, गुहा, गह्वर, गिरिकंदर, गिरिकुहर, गर्ता, गर्त, गड्ढा, दरथ, पृथ्वीखात, पृथ्वीगृह, पाषाणसंधि, विलायन, भूमिगर्त, महाबलि, विवर, शैलरंघ्र, शिलावेश्म

गृह 🏡 :- अयनशाला, अवसथ*, आगार, आश्रम, आयतन, आवास, आलय, आशियाना, ओक, गेह, घर, धर्त्र*, धाम, निकेत, निकेतन, निलय, निवासस्थान, भवन, मकान, मंदिर, वासस्थान, शाला, सदन, स्थान,
#अवसथ ( १. घर, २. ग्राम, ३. विद्यालय, ४. छात्रावास )
#धर्त्र ( १. घर, गृह, २. सहारा, टेक, ३. पुण्य, नैतिकता )

गेह:- गृह ( ☝️ )

घड़ा:- घट, कुंभ, कलश, गगरा, गागर ( गर्गर ), गागरी, गगरी, गुड़शृंग, गलंतिका, निप, निबड़ा, भृंगारु, वार्धनी, मटका, मटकी

धिनौना:- अरुचिकर, खराब, गंदा, गर्हणीय, घटिया, घृण्य, घृणास्पद, घृणित, जुगुप्सित, दूषित, दोषयुक्त, निंदित, बुरा, भद्दा, वीभत्स

घुमक्कड़:- घुमंतू, घूमनेवाला, पर्यटक, भ्रमणकारी, भ्रमणशील, रमता, लड़ित, विचरणशील, विसंचारी, संचारी, सैलानी, स्वैरगत, यायावर, सदाभ्रम

धोड़ा:- अश्व 🐎 ( ☝️ )




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